सोमवार, 25 अगस्त 2014

कविता : अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का हत्यारा

बचपन से ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है
जमा देने वाली ठंड, उबाल देने वाली गर्मी और बहा ले जाने वाली बरसात
इन सबका सीना तान कर मुकाबला करना पड़ता है

अपने ही हाथों अपने नाते रिश्तेदारों का गला घोंटना पड़ता है
दुनिया के सबसे अच्छे अभिनेता से भी अच्छा अभिनय करना पड़ता है

आत्मा हत्याओं के बोझ तले न दब जाए
इसलिए किसी एक धर्म में अटूट आस्था रखनी पड़ती है
और क्षमा माँगनी पड़ती है ईश्वर से
हर हत्या के बाद

सारे सुबूतों को बड़ी सावधानी से मिटाना पड़ता है
लेकिन सिर्फ़ इतना ही काफ़ी नहीं है
विज्ञान की आधुनिकतम खोजों और तकनीकों को इस्तेमाल किये बगैर
असंभव है अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का हत्यारा होना
इसीलिए करोड़ों में से कोई एक
बन पाता है अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का हत्यारा

आम आदमी डर कर या चमत्कृत होकर
पूजा करता आया है ऐसे हत्यारों की
हमेशा हमेशा से 

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवार के लिए चुरा ली गई है- चर्चा मंच पर ।। आइये हमें खरी खोटी सुनाइए --

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  2. और क्षमा माँगनी पड़ती है ईश्वर से
    हर हत्या के बाद??शायद नहीं ---मार्मिक कविता.

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  3. सच हा की मुश्किल है ऐसा हत्यारा बनना पर शायद आज उतना मुश्किल न हो ...
    सत्य के करीब है रचना ...

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जो मन में आ रहा है कह डालिए।