tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post3775941777247143638..comments2024-03-10T13:54:22.301+05:30Comments on ग्रेविटॉन: कविता : हम तुम और ईश्वर‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttp://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-20387589151177135852011-07-31T10:40:47.084+05:302011-07-31T10:40:47.084+05:30धर्मेन्द्र जी, आपकी प्रस्तुति पढकर धरती की उत्पत्त...धर्मेन्द्र जी, आपकी प्रस्तुति पढकर धरती की उत्पत्ति की सभी थ्योरी याद आ गयी "special creation theory, big bang theory " और न जाने क्या क्या ....खो गयी उस अजन्मी दुनिया में पर जहाँ तक आप पहुंचे वहाँ तक पहुंचना नामुमकिन है बेहतरीन प्रस्तुतिरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-83654475893342425612011-07-29T19:00:15.434+05:302011-07-29T19:00:15.434+05:30विद्या जी और निर्मला जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया।विद्या जी और निर्मला जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-2127922042831559782011-07-29T18:24:48.787+05:302011-07-29T18:24:48.787+05:30सब सुधीजनो ने बहुत कुछ कह दिया मै सिर्फ इस रचना पर...सब सुधीजनो ने बहुत कुछ कह दिया मै सिर्फ इस रचना पर स्तव्शो सकती हूँ, निशब्द। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-66037884866773198722011-07-29T13:37:34.439+05:302011-07-29T13:37:34.439+05:30सुन्दर रचना
आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें
लिकं है...सुन्दर रचना<br />आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें <br />लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/<br />अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।vidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-8018951733714092422011-07-28T21:44:07.936+05:302011-07-28T21:44:07.936+05:30नवीन भाई और शेषधर तिवारी जी, आपके इस अगाध स्नेह के...नवीन भाई और शेषधर तिवारी जी, आपके इस अगाध स्नेह के लिए मैं हृदय से आपका आभार व्यक्त करता हूँ।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-61438055013770874622011-07-28T21:42:41.235+05:302011-07-28T21:42:41.235+05:30संजय भास्कर जी, राजेश कुमारी जी, सुनील कुमार जी, म...संजय भास्कर जी, राजेश कुमारी जी, सुनील कुमार जी, महेंद्र वर्मा जी, मनोज कुमार जी, साधना वैद्य जी, समीर लाल जी, आशा जी, घोटू जी, रविकर जी, प्रवीण पांडेय जी, संगीता स्वरूप जी, ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी, सुरेन्द्र सिंह जी, जे पी तिवारी जी, दिगंबर नासवा जी,लियो जी और वीरेंद्र शर्मा जी आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-69311333956534003582011-07-28T19:59:41.513+05:302011-07-28T19:59:41.513+05:30वीरेंद्र शर्मा जी द्वारा ई मेल पर भेजी गयी टिप्पणी...वीरेंद्र शर्मा जी द्वारा ई मेल पर भेजी गयी टिप्पणी:-<br /><br />नवीन जी ,यह कविता सृष्टि के जन्म की काव्यात्मक कथा है जिसे हम "बिग बेंग "कहतें हैं .डांस ऑफ़ क्रियेशन कहतें हैं ,शिव का तांडव कहतें हैं .धर्मेन्द्र जी के ब्लॉग तक पहुंचे लेकिन कमेंट्स वाली खिड़की खुली ही नहीं .इस कविता के बाद प्रस्तुत बेहतरीन ग़ज़ल भी पढ़ी जिसका हर अश -आर बे -मिसाल था और तीसरी कविता अनंत ,शून्य या इनफिनिटी को परिभाषित कर रही थी .वह भी मनोयोग से पढ़ी .<br /><br />वीरू भाई जी का ई मेल आइ डी veerubhai1947@gmail.comwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-48022074951367978772011-07-28T16:43:17.962+05:302011-07-28T16:43:17.962+05:30सूक्ष्म वैज्ञानिक दृष्टि से देखा है आपने जीवन को औ...सूक्ष्म वैज्ञानिक दृष्टि से देखा है आपने जीवन को और इतना सहज लिख दिया ... जीवन को आध्यात्मक दृष्टि और व्यवहारिक रूप में भी देखा है इस रचना में .. बहुत ही लाजवाब अद्वितीय रचना है ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-87724540065949184282011-07-28T16:10:57.702+05:302011-07-28T16:10:57.702+05:30वाह! अद्भुद विचार और शब्द विन्याश वाह!वाह! अद्भुद विचार और शब्द विन्याश वाह!ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-46001617001749329802011-07-28T15:38:51.173+05:302011-07-28T15:38:51.173+05:30सृष्टि कथा का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रूप, वह भी क...सृष्टि कथा का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रूप, वह भी काव्य, और सरस काव्य में. सराहनीय, अत्यंत सराहनीय . इस रचना को तो सेव कर लिया है. फिर अवकाश के क्षणों में पढूंगा. मेरी ढेर सारी बधाइयां और शुभकामनाएं.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-66768389820947635412011-07-28T14:02:40.145+05:302011-07-28T14:02:40.145+05:30वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सम्पूर्ण सृष्टि की उत...वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सम्पूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति , विकास से लेकर मानवीय संबंधों की काव्यात्मक व्याख्या ...वह भी बहुत ही सरल सहज किन्तु भावपूर्ण शब्दों में <br /> कथ्य , तथ्य , भाव और शिल्प ...........अद्वितीयसुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-28697576553193585552011-07-28T12:37:03.783+05:302011-07-28T12:37:03.783+05:30सचमुच मानव जीवन का सटीक विश्लेषण करती अदभुत कविता ...सचमुच मानव जीवन का सटीक विश्लेषण करती अदभुत कविता !<br />आभार !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-81819519392619242412011-07-28T11:37:08.464+05:302011-07-28T11:37:08.464+05:30अद्भुत वैज्ञानिक कविता।अद्भुत वैज्ञानिक कविता।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-26478206045874314472011-07-28T10:03:15.253+05:302011-07-28T10:03:15.253+05:30jabardast
ekdam hat kejabardast <br /><br />ekdam hat keरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-25318570481211672042011-07-28T09:39:25.267+05:302011-07-28T09:39:25.267+05:30अत्यंत सुन्दर वैज्ञानिक रचना
जीव की उत्पत्ति को दर...अत्यंत सुन्दर वैज्ञानिक रचना<br />जीव की उत्पत्ति को दर्शाती हुई<br />एक अद्भुत कविता-बधाई<br />घोटूGhotoohttps://www.blogger.com/profile/07826246946324363667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-69881343469862211732011-07-28T08:13:56.820+05:302011-07-28T08:13:56.820+05:30बहुत तथ्य परक कविता |एक एक शब्द बोलता है|धर्मेन्द्...बहुत तथ्य परक कविता |एक एक शब्द बोलता है|धर्मेन्द्र जी आपको बहुत बहुत बधाई |नवीन जी सब तक कविता पहुचाने के लिए साधुवाद |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-85821202587983113972011-07-28T04:57:17.916+05:302011-07-28T04:57:17.916+05:30अद्भुत रचना...बहा ले गई... डुबा ले गई..अहसास करा ग...अद्भुत रचना...बहा ले गई... डुबा ले गई..अहसास करा गई...बहुत बड़ी सजा है ये मानव होना<br /><br /><br />-बधाई स्वीकारें इस रचना के लिए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-87855677367189642612011-07-27T23:52:24.893+05:302011-07-27T23:52:24.893+05:30एक बार फिर धर्मेन्द्र जी ने अपनी अद्भुत रचना क्षमत...एक बार फिर धर्मेन्द्र जी ने अपनी अद्भुत रचना क्षमता का परिचय दिया है. शायद ही हम में से किसी ने भी इस विषय पर कोई कविता पढ़ी होगी. मैं नवीन जी के इस कथन से पूर्णतया सहमत हूँ कि कोई भी सम्मान इस रचना को सराहने के लिए बौना साबित होगा. <br /><br />मैं अधिक से अधिल लोगों तक इस रचना को पहुचाने की कोशिश करूँगा. धर्मेन्द्र जी को बहुत बहुत बधाई.शेषधर तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/09259183410687906285noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-49265012797475899512011-07-27T23:06:02.974+05:302011-07-27T23:06:02.974+05:30वास्तव में अद्भुत कविता है ! वैज्ञानिक तथ्यों की इ...वास्तव में अद्भुत कविता है ! वैज्ञानिक तथ्यों की इतनी काव्यात्मक और सारगर्भित प्रस्तुति भी हो सकती है यह सचमुच अकल्पनीय है ! मानवीय संबंधों की जटिलता को भी बहुत गहनता के साथ व्याख्यायित किया है ! बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-24081954528849791182011-07-27T22:32:27.471+05:302011-07-27T22:32:27.471+05:30कविता का शिल्प इतना सधा हुआ और सुगठित है कि इसमें ...कविता का शिल्प इतना सधा हुआ और सुगठित है कि इसमें व्यक्त विषय एकदम सरल एवं बोधगम्य हुआ है| कविता में काव्यात्मकता के साथ-साथ संप्रेषणीयता भी है। जीवन के जटिल यथार्थ को बहुत सहजता के साथ प्रस्तुत किया है आपने।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-15266868281707916212011-07-27T22:01:20.665+05:302011-07-27T22:01:20.665+05:30सृष्टि की उत्पत्ति का
पर्त-दर-पर्त विश्लेषण
सृजन ...सृष्टि की उत्पत्ति का <br />पर्त-दर-पर्त विश्लेषण<br />सृजन का आनंद<br />मानव का ऐश्वर्य<br />और<br />ईश्वर का मानवीकरण<br /><br />कविता अपने कथ्य और शिल्प में अद्वितीय है।<br /><br />बधाई धर्मेंद्र जी।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-66186787979218265112011-07-27T21:42:51.937+05:302011-07-27T21:42:51.937+05:30वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से जीवन की व्याख्या , बधाई की...वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से जीवन की व्याख्या , बधाई की परिधि से बाहर...Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-47891556874859398742011-07-27T21:25:29.868+05:302011-07-27T21:25:29.868+05:30इसे सिर्फ एक कविता कहना महा मूर्खता होगी| धरम प्रा...इसे सिर्फ एक कविता कहना महा मूर्खता होगी| धरम प्रा जी मैं तो निशब्द हूँ इसे पढ़ कर| काश मैं इस प्रस्तुति को पूरे भारत वर्ष के सामने प्रस्तुत कर पाता|<br /><br />ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं कि दुनिया का सब से बड़ा पुरस्कार भी इस प्रस्तुति के समक्ष बौना लगेगा - मेरे भाई, मेरे दोस्त - इसे सही जगह तक आप को ही पहुंचाना पड़ेगा|<br /><br />बहरहाल मैं अपनी तरफ से कुछ कोशिश तो जरूर करूंगा|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-3239473924874017682011-07-27T15:09:12.255+05:302011-07-27T15:09:12.255+05:30vegyanik kasoti par aadhaarit manav jeevan ki utpa...vegyanik kasoti par aadhaarit manav jeevan ki utpatti aur do shareeron ka alag astitv hona.kya khoob samjhaya hai.main to is kavita ko addbhut prayog hi kahungi.atiuttam.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-29881633631826868502011-07-27T14:18:37.676+05:302011-07-27T14:18:37.676+05:30आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’ जी
नमस्कार !
...आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’ जी<br />नमस्कार !<br />....एक से बढकर एक पंक्ति, बेहतरीन प्रस्तुति हेतु आभार.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com