tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post7850685542058154564..comments2024-03-10T13:54:22.301+05:30Comments on ग्रेविटॉन: ग़ज़ल : वो जो रुख़-ए-हवा समझते हैं‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttp://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-19776132689065549592011-04-17T05:14:48.376+05:302011-04-17T05:14:48.376+05:30धर्मेन्द्र जी सुंदर गज़ल बहुत बहुत बधाई |धर्मेन्द्र जी सुंदर गज़ल बहुत बहुत बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-33267260851383833362011-04-16T22:15:48.871+05:302011-04-16T22:15:48.871+05:30तोड़ कर देख लें वो पत्थर से
जो हमें काँच का समझते ...तोड़ कर देख लें वो पत्थर से<br />जो हमें काँच का समझते हैं ॥<br /><br />बहुत खूब..क्या कहने....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-62710447976764678492011-04-15T09:35:12.297+05:302011-04-15T09:35:12.297+05:30उम्दा ग़ज़ल धर्मेन्द्र भाई| दिल के काफी करीब| आप अ...उम्दा ग़ज़ल धर्मेन्द्र भाई| दिल के काफी करीब| आप अपनी ग़ज़लों के माध्यम से अपने दिल की बात साफ साफ कह देते हैं, मसलन चाँद-रोटी वाली बात, पत्थर-काँच वाली बात, कमाल है भाई कमाल|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-1376353562029295872011-04-13T22:44:42.919+05:302011-04-13T22:44:42.919+05:30धूप भी तौल के बिकेगी अब
आप बाजार ना समझते हैं ॥३॥
...धूप भी तौल के बिकेगी अब<br />आप बाजार ना समझते हैं ॥३॥<br />खुबसूरत शेर मुबारक होSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-68990250882844532802011-04-13T18:50:12.532+05:302011-04-13T18:50:12.532+05:30मजेदार गजल...बहुत खुबसुरत।मजेदार गजल...बहुत खुबसुरत।Er. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-34879974139741488002011-04-13T16:24:57.547+05:302011-04-13T16:24:57.547+05:30आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (14-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।<br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-24443521959946442872011-04-13T13:30:12.904+05:302011-04-13T13:30:12.904+05:30आदरणीय धर्मेन्द्र जी
क्या खूब कहा है...
धूप भी तौल...आदरणीय धर्मेन्द्र जी<br />क्या खूब कहा है...<br />धूप भी तौल के बिकेगी अब<br />आप बाजार ना समझते हैं <br /><br />तोड़ कर देख लें वो पत्थर से<br />जो हमें काँच का समझते हैं <br /><br />सादर नमस्कार !<br />http://anandkdwivedi.blogspot.com/आनंदhttps://www.blogger.com/profile/06563691497895539693noreply@blogger.com