tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post1766082879635332924..comments2024-03-10T13:54:22.301+05:30Comments on ग्रेविटॉन: कविता : विज्ञान के विद्यार्थी की प्रेम कविता‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttp://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-42274167257724425582012-04-08T07:32:13.813+05:302012-04-08T07:32:13.813+05:30साइंस प्राकृतिक नियमों के अनुसार चलती है - मन अंतः...साइंस प्राकृतिक नियमों के अनुसार चलती है - मन अंतःप्रकृति के :एक दूसरे को प्रभावित करें तो क्या् आश्चर्य!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-29022344069738120692012-04-06T18:24:19.891+05:302012-04-06T18:24:19.891+05:30गुरुवर के आदेश से , मंच रहा मैं साज ।
निपटाने दिल्...गुरुवर के आदेश से , मंच रहा मैं साज ।<br />निपटाने दिल्ली गये, एक जरुरी काज । <br /><br />एक जरुरी काज, बधाई अग्रिम सादर ।<br />मिले सफलता आज, सुनाएँ जल्दी आकर ।<br /><br />रविकर रहा पुकार, कृपा कर बंदापरवर ।<br />अर्जी तेरे द्वार, सफल हों मेरे गुरुवर ।।<br /><br />शनिवार चर्चा मंच 842<br />आपकी उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत की गई है |<br /><br />charcamanch.blogspot.comरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-91291601352472250422012-04-06T11:21:50.750+05:302012-04-06T11:21:50.750+05:30परखनली में दीखता, तात्विक प्रेम प्रसाद ।
दहन-गहन ल...परखनली में दीखता, तात्विक प्रेम प्रसाद ।<br />दहन-गहन लौ कीजिये, सरस द्रव्य के बाद ।<br /><br /> सरस द्रव्य के बाद, देखते रहो रिएक्शन ।<br />धुवाँ जलाये आँख, दूर कर दीजै तत्क्षण ।<br /><br />और अगर स्वादिष्ट, मिष्ट सी आये ख़ुश्बू ।<br />फील्ड वर्क प्रोजेक्ट, गाड़ दे तम्बू-बम्बू ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-47674688044032224332012-04-06T11:02:45.793+05:302012-04-06T11:02:45.793+05:30और आंदोलित हो उठा स्थूल दिमाग --
मिलता हूँ एक साम...और आंदोलित हो उठा स्थूल दिमाग --<br />मिलता हूँ एक सामान्य समय-काल के बादरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com