tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post63374359936439768..comments2024-03-10T13:54:22.301+05:30Comments on ग्रेविटॉन: ग़ज़ल : कब्र मेरी वो अपनी बताने लगे‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttp://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-59205610294004212492012-06-15T23:10:13.345+05:302012-06-15T23:10:13.345+05:30बिन परिश्रम ही जिनको खुदा मिल गया
दौड़कर लो वो मयख...बिन परिश्रम ही जिनको खुदा मिल गया<br />दौड़कर लो वो मयखाने जाने लगे<br /><br />प्रेम ही जोड़ सकता इन्हें ताउमर<br />टूट रिश्ते लहू के सिखाने लगे<br /><br />वाह ...बहुत खूबसूरत गजलसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com