tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post687384457844318621..comments2024-03-10T13:54:22.301+05:30Comments on ग्रेविटॉन: ग़ज़ल : रेत सी मजलूम की तकदीर है‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttp://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-50903363728875139832011-06-16T09:11:45.177+05:302011-06-16T09:11:45.177+05:30तुषार जी एवं अना जी आपका बहुत बहुत शुक्रियातुषार जी एवं अना जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-23631858123257201212011-06-15T22:48:25.546+05:302011-06-15T22:48:25.546+05:30बधाई और शुभकामनाएं....बहुत ही उम्दा शेरबधाई और शुभकामनाएं....बहुत ही उम्दा शेरAnamikaghatakhttps://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-71664130256664585792011-06-15T13:32:17.534+05:302011-06-15T13:32:17.534+05:30भाई धर्मेन्द्र जी बहुत ही सुंदर गज़ल ठीक आपके सहज ...भाई धर्मेन्द्र जी बहुत ही सुंदर गज़ल ठीक आपके सहज व्यक्तित्व की तरह बधाई और शुभकामनाएं |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-80049067420175193332011-06-14T18:24:40.091+05:302011-06-14T18:24:40.091+05:30शरद जी, एवं एस एन शुक्ला जी ग़ज़ल पसंद करने के लिए आ...शरद जी, एवं एस एन शुक्ला जी ग़ज़ल पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-43337253616392379472011-06-14T17:50:11.222+05:302011-06-14T17:50:11.222+05:30Dharmendra ji
ek-ek shabd sach, bahut hee bhavmay...Dharmendra ji<br /> ek-ek shabd sach, bahut hee bhavmayee prastuti. badhaiS N Shuklahttp://snshukla.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-5388295276418445632011-06-14T11:34:28.619+05:302011-06-14T11:34:28.619+05:30घाव दिल के वक्त भर देता मगर
धड़कनों के साथ बढ़ती पीर...घाव दिल के वक्त भर देता मगर<br />धड़कनों के साथ बढ़ती पीर है<br /><br />बहुत ही उम्दा शेर...<br />बहुत बेहतरीन ग़ज़ल...<br />बहुत खूब.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-22349073906993420462011-06-13T23:44:51.151+05:302011-06-13T23:44:51.151+05:30राजेन्द्र जी, वंदना जी, दिगंबर जी, संगीता जी, कैला...राजेन्द्र जी, वंदना जी, दिगंबर जी, संगीता जी, कैलाश जी, सुषमा जी एवं नवीन भाई अशआर पसंद करने के लिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-37491986444006571742011-06-13T23:27:55.730+05:302011-06-13T23:27:55.730+05:30सूर्य चढ़ते ही मिटा देता सदा
भाषणों की बर्फ़ सी तह...सूर्य चढ़ते ही मिटा देता सदा<br />भाषणों की बर्फ़ सी तहरीर है<br /><br />धर्मेन्द्र भाई - तथाकथित स्वयंभू नेताओं के भाषणों पर करारा व्यंग्य कसा है आपने| बधाई|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-68343849636829004042011-06-13T22:44:12.441+05:302011-06-13T22:44:12.441+05:30bhut khubsurat gazal...bhut khubsurat gazal...विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-91169163699951200892011-06-13T20:47:20.399+05:302011-06-13T20:47:20.399+05:30सींचती जबसे सियासत क्यारियाँ
फूल भी हाथों को देता ...सींचती जबसे सियासत क्यारियाँ<br />फूल भी हाथों को देता चीर है<br /><br />....बहुत ख़ूबसूरत गज़ल..हरेक शेर बहुत सटीक...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-2925918381018702472011-06-13T15:59:58.463+05:302011-06-13T15:59:58.463+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुत...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 14 - 06 - 2011<br />को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..<br /><br /><a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> साप्ताहिक काव्य मंच- ५० ..चर्चामंच <br /></a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-862705875743985082011-06-13T14:32:44.066+05:302011-06-13T14:32:44.066+05:30देश बेआवाज़ बँटता जा रहा
हर सियासतदाँ गज़ब शमशीर ...देश बेआवाज़ बँटता जा रहा <br />हर सियासतदाँ गज़ब शमशीर है ...<br /><br />बहुत उम्दा .. लाजवाब शेर है ... सटीक बात कहता हुवा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-37057716301552058412011-06-13T13:01:40.522+05:302011-06-13T13:01:40.522+05:30बहुत शानदार गज़ल हालात का सटीक चित्रण कर रही है।बहुत शानदार गज़ल हालात का सटीक चित्रण कर रही है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5466054364465468633.post-7541695250871266522011-06-13T07:55:32.025+05:302011-06-13T07:55:32.025+05:30प्रियवर धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’ जी
सादर अभ...<b><i>प्रियवर धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’ जी</i></b> <br />सादर अभिवादन !<br /> <br />बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल है… <br /><b>फ्रेम अच्छा है, बदल दो तंत्र पर,<br />हो गई अश्लील ये तस्वीर है </b> <br />हासिले-ग़ज़ल शे'र कहूं तो ग़लत नहीं होगा <br /> <br /><b>देश बेआवाज़ बंटता जा रहा <br />हर सियासतदां गज़ब शमशीर है </b><br />आहाऽऽह … दुखती रग़ छू ली है आपने <br /> <br /><b>कब तलक फैशन बताओगे इसे<br />पांव में जो लोक के जंजीर है<br /> </b> <br />बहुत उम्दा ग़ज़ल कह दी जनाब ! मुबारकबाद !<br /><br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! <br /></a></b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com