शनिवार, 16 सितंबर 2023

ग़ज़ल: होता है इंक़िलाब सदा इंतिहा के बाद

ज़ालिम बढ़ा दे ज़ुल्म ज़रा हर ख़ता के बाद
होता है इंक़िलाब सदा इंतिहा के बाद

किसने बदल दिया है ये कानून देश का
होने लगी है जाँच यहाँ अब सज़ा के बाद

बीमारियों से देश बचा लोगे जान लो
करती असर है ख़ूब दुआ पर दवा के बाद

जिसने भी तप किया उसे देवत्व मिल गया
इंसान कौन-कौन बना देवता के बाद?

ऐसा विकास भी न हमें आप दीजिए
मिलता सभी को जैसे ख़ुदा पर कज़ा के बाद

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