१- कहाँ कहाँ नहीं खोजा तुमने, एक कतरा सच्ची मोहोब्बत का।
कभी तो गौर से ऐ दोस्त, मेरी आँखों में भी देखा होता ।।
२- आँखो तक आया प्यार, निकल कर बह न सका।
तुम समझ न पाये यार, और मैं कह न सका।।
३- काँटे टूट गये छूकर हमको, फूलों ने लहूलुहान कर दिया।
दुश्मन काँपते रहे डर से, दोस्तों ने परेशान कर दिया।।
४- ये राह ए इश्क है, जरा संभलना, यहाँ कदम कदम पर दर्द मिलते हैं।
सूरत पे मत जाना दोस्तों, अक्सर, इस राह पर लोग बडे बेदर्द मिलते हैं।।
५- चलो मेरा उनको छेड़ना कुछ काम तो आया,
बदनाम करने को ही सही,
उनकी जुबाँ पे मेरा नाम तो आया।
६- मत छूना अपने होठों से, जल जायेंगे सब गीत मेरे।
हैं छन्द मेरे प्रेयसि मधुमय, अंगारे हैं ये अधर तेरे।
७- कितनी भी ड़ालियाँ बदल ले, कितना भी मीठा बोल ले
इस जमाने की सदा यही रीत है रही,
तुझे सुन के सब चले जायेंगे कोयल, कोई तुझे पालेगा नहीं।
८- कितने भी गहरे भाव लिखें हम, कविता कहलायेंगे।
तुम छू दो होंठों से शब्दों को, गीत वो बन जायेगें ।।
९- कभी किसी को टूटकर प्यार मत करना, वरना,
हल्की सी ठोकर से तुमको पड़ जायेगा बिखरना ।