मंगलवार, 20 जुलाई 2010

दादी

एक गाय है,
वो जब तक बछड़े पैदा करती थी,
दूध देती थी,
तब तक उसकी पूजा होती थी,
उसके गोबर से आँगन लीपा जाता था,
उसके दूध से भगवान को भोग लगाया जाता था,
लोग उसके चरण छूकर आशीर्वाद लेते थे,

पर अब वह बूढ़ी हो गयी है,
उसे गोशाला के छोटे से,
गंदे से, कमरे में भेज दिया गया है,
कभी बछड़ों पर प्यार उमड़ता है,
और जोर से उन्हें पुकारती है,
तो डाँट दी जाती है,
बचा खुचा खाना उसके आगे डाल दिया जाता है,
वो खाकर चुपचाप पड़ी रहती है,
जवानी के दिन याद करते हुए,
मौत के इंतजार में।

1 टिप्पणी:

  1. vaah, kyaa baat hai bhai. gaay ke dard ko marmikata se ukeraa hai. isi bhavbhoomi par maine ek upanyaas hi likh diyaa hai, ''kamdhenu ki vyatha'', dhanyvaad aapko gaay ke prati is drishtikon ke liye.

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